ब्राह्मण वर्ग की सफलता को सूत्र में पिरोने हेतु एवं जीवन में उपलब्ध साधनों सहित समर्पित जीवन के लिए वर्ष 1992 में एक संगठन की स्थापना कर समाज को उपहार स्वरुप देने का कार्य किया गया। ब्राह्मण समाज के सर्वागींण विकास व बहुउद्देष्य ध्येय से इस संगठन का निर्माण हुआ जो भारतीय ब्राह्मण समाज के नाम से प्रचारित हुआ व विख्यात हुआ। तथा संगठन को राष्ट्रीय रूप में पंजीकृत किया गया। आदरणीय पंडित श्री जगदीश प्रसाद शर्मा जी के नेतृत्व में समाज हित में कार्यकारणी ने बहुतमत से प्रस्ताव पारित किया जो आगतं राष्टीय अध्यक्ष के रूप में सेवारत है। समाज की क्रियात्मक गतिविधि में सर्वप्रथम संगठन की सदस्यता के लिए ब्राह्मण वर्ग में जन्म की पात्रता होगी। अतएव वह स्वतः ही सदस्य होगा जिसके लिए कोई सदस्य्ता शुल्क नहीं होगा। अखिल भारत के प्रांतो में 255 इकाई सामूहिक रूप से समाज के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तर प्रदेश , हरियाणा , पंजाब , मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र आदि सभी प्रांतो में इकाइयाँ कार्यरत है। भारतीय ब्राह्मण समाज मुख्यतः विवाह कार्य के लिए एक वेबसाइट बनाई गई है। इसके अतिरिक्त केंद्रीय इकाई द्वारा भगवान परशुराम की मूर्ती मंदिरो में स्थापित करने हेतु एक वर्ष में दो मूर्तियों का का अनुदान दिए जाने की परिपाटी है। भारतीय ब्राह्मण समाज द्वारा "महर्षि परशुराम को - ओपरेटिव (अरबन) टी. सी. सोसाइटी लिमिटेड" की स्थापना में विशेष सहयोग रहा जो समस्त दिल्ली के सभी जातियों को सदस्य बनाकर विशेष सहायता प्रदान करता है। केन्द्र कार्यकारणी के किसी भी पदाधिकारी को किसी भी राजनैतिक पार्टी से किसी भी पद का चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं होता है ताकि वह समाज में निष्पक्ष रूप से सेवा प्रदान कर सके।